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Showing posts from August, 2013

46th Day :: Colour Mystery

फिल्मों का कलर 'ब्लू'  होते ही वो गन्दी क्यों हो जाती है (blue film), area का कलर 'रेड' होते ही वो बदनाम क्यों हो जाती है (red light area), अवैध तरीके से इकठ्ठा किया गया पैसे का कलर 'black' क्यों होता है(black money),suger का कलर 'brown' होते ही ये नशीली क्यों हो जाती है(brown suger) , फिल्मों में विलेन का रोल हमेशा 'grey shed' में क्यों होता है और इन सब काले कारनामों को हरी झण्डी दिखाने वाले नेता 'सफेदपोश' क्यों कहलाते हैं। नीली और लाल बत्ती ऐसे ही सफेदपोशों को ही क्यों मिलता है और अंत में नीली और लाल बत्ती ही सबसे ताकतवर क्यों है ??? मुझे तो केवल 'पानी दा रंग' पसंद है , बिल्कुल transeparent !  जिस बर्तन में जाता है उसी का आकार ले लेता है, उसी के रंग का  दिखने भी लगता है लेकिन लोगों की प्यास बुझाने और जीवन देने के अपने गुण को नहीं छोड़ता।  

45th Day :: filmy style of wild Underworld

दुनिया में सिर्फ साइंस में ही तरक्की नहीं हो रही है , और चीजों में भी तरक्की हो रही है। चीजें hitech होने के साथ स्टाइलिश भी हो रही हैं। अब अंडरवर्ल्ड को ही ले लीजिये , अब ये पुराने जानवरों(शेर,भालू,भेड़िया, साँप, चूहा , बिल्ली , खरगोश आदि स्टाइल )  वाले तरीके नहीं अपनाता जैसे कि काम कराने के लिए डराना-धमकाना और कामं न होने पर  मार देना। अब अंडरवर्ल्ड किसी को  धमकाने या मारने का काम भी style से करता है जैसे किसी को सजा देने के लिए कोई 'जिन्दा ' style में सालों तक कैद करके रखता  , कोई देवदास style में दो लड़कियों के बीच में फँसाकर किसी का दिल बर्बाद करता है तो कोई 'डर' स्टाइल में किसी के दिल में उसके lover का वहम पैदा करके उसे एक जगह  से दूसरे जगह दौडाता है या किसी और फिल्म के विलेन  का ट्रिक लेकर डर पैदा करने की कोशिश करता है ।  कोई भेजा-फ्राई करने में आगे है तो कोई पर्सनल बातों के आधार पर COMMENT करके अपने शिकार को परेशान करता है।   इसी तरह के कई तरीके हैं।  

44th Day :: Space is not in vaccume

Some days ago when I was boiling water, I saw that many small particles were started to move in a circle. there some more particles who are smaller than those particles are moving around the big particles. this whole system is looking same as our solar system. Thus I have 'guessed' some properties of our solar system which r as bellow:- 1.  Our solar system is in a liquid medium made of a transparent but very tiny particles who has not discovered till now. 2.  if space is in a vaccume then by applying Newton's theory there should never need energy to travel because of absence of friction. so any rocket should travel with the velocity when it leaves the gravity field of earth & need no energy source until it gets in touch of gravity field of any planet. 3.  not big but a reason to think so is that in space things follow the rule of a liquid, I mean they  float in space. 4.  again if we apply Newton's law in space then things who are moving will keep moving

43rd Day :: Media & Multimedia

कभी आजादी दिलाने के लिए लोगों को जगाने और क्रांति करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला media महज चन्द  पावरफुल लोगों के हाथों की कठपुतली सा बनता जा रहा है। अब मीडिया का काम केवल विभिन्न कंपनियों और celebrities या राजनेताओं का प्रचार करना भर रह गया है। जनता की आवाज़ उठाने की इन्हें अब फुर्सत ही नहीं रह गयी है। दुर्भाग्य से अब तो झूठ भी सीना तानकर परोसा जाने लगा है जबकि जरूरत न सिर्फ सच बल्कि सही को दिखाने की है। इनका ध्यान अधिकतर केवल स्टिंग ऑपरेशन पर ही लगा रहता है क्योंकि इससे सनसनी फैलती है। जो कि अधिकतर political दबाव बनाने की रणनीति का ही हिस्सा होता है। बड़े रिश्वतखोर नेताओं और आपराधिक रिकार्ड वाले व्यक्तियों का स्टिंग ऑपरेशन तो समझ में आता है लेकिन सही छवि वाले लोगों की निजी जिंदगी में झाँकने की इजाजत इन्हें कौन दे देता है। इनका तर्क होता है कि सार्वजनिक लाइफ जीने वाले लोगों के बारे में सबकुछ जानना जनता का हक है। ठीक है कि सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले actors , actresses या कोई अन्य व्यक्ति प्रचार के लिए अपनी कुछ निजी जानकारियाँ दे दें और आपको अपने घर म

42nd Day :: Power management & leadership

दुनिया में power के कई केन्द्र हैं। किसी के पास  पैसे की , किसी के पास बाहुबल की , कोई politics में महारत रखता है तो कोई जनमत जुटाने में , कोई ऐसा डॉक्टर है जो बड़ी से बड़ी बीमारियाँ ठीक कर सकता है तो कोई पलक झपकते ही किसी भी देश में महामारी फैला सकता है। कोई हथियार बनाने और बेचने में उस्ताद है तो कोई शांति-प्रक्रिया  के द्वारा बिना हथियार उठाये ही जंग जीतने में निपुण। किसी के पास ऐसी मीडिया की ताकत है जो सच को कहीं से भी खोदकर निकालने में सक्षम है तो कोई इतना बड़ा lawer (i will prefer to call as 'Lier' ) है जो बड़े से बड़े सच को भी झूठ  साबित कर देता है।  कुल मिलाकर दुनिया में अच्छी और बुरी कई तरह की ताकतें हैं। बुरी ताकतों के मालिक का उद्देश्य गलत होता है इसलिए वो सही ताकत को भी गलत तरीके से इस्तेमाल करके लोगों से लाभ लेने की कोशिश में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता की हमारा personal फायदा सबसे ज्यादा तब होता है जब हम खुद से पहले दूसरों के फायदे की बात सोचते हैं। ऐसे लोग अक्सर कालिदास की तरह होते हैं जो अनजाने में वही डाल काट रहे होते हैं जिसपर वो बैठे होते हैं।  इन

Bazaarvaad in medication + role of bad medicines in different fields

aaj lagta hai ki mai  experiment me  use hone wala chooha ban gayaa hun.saaalon se kabhi ye kabhi wo dawaa kha-khaakar main pareshaan ho gayaa hun. Ek baar faayada karne ke baad bhi doctor dawaayen badal deta hai aur nayi dawaa dekar uska asar jaanne ki koshish mein lag jaata hai. Vastav mein nayi dawa ka gareeb aura aam logon par ‘experiment’ karne ki beemaari ab mahaamaari ka roop le chuki hai.ismen doctor ko MR’s se kameetion mil jaata hai,dawa kampaniyon ko apni dawa ke bare mein upyogi feedback mil jaata hai lekin thagaa jaata hai kewal bechaara gareeb aam aadmi,jo ki ilaaj ka mahanga kharch bhi uthaata hai aur nayi dawaaon ke istemaal se hone waale ‘side effect ko bhi jhelta hai aur agar saubhagya se dawa asarkaarak hui to us dawa ki bikri aur daam badh jaate hain lekin us aadmi ko koi faayada nahin milta.use side effect hone par bhi koi muaawajaa nahin milta, bhale hi side effect se us aadmi ki jaan hi kyon n chali jaay aur paper mein hamein ye padhane ko milta hai ki briten ya