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Skip to content life lines_® Be your favorite..®  Menu ::  My struggle :: (till now)   A2/Z_LifeSolutions     autobiography, social     September 15, 2020   3 Minutes I was a struggling person from childhood.  Then I had many problems as physical,  mental,  psychological, social & psychological etc.  My parents have all the facility as money etc,  but never tried to make treatment for my problems and deceases.  Instead they all get involved in personal quarrel all the days. It spoiled my mental condition a lot more which resulted in mental problems like depression,  anxiety & over thinking etc. By the way I got passed out of my high school boards & went to study at Allahabad City for further studies b’coz of no option of studying science stream at my high school of my home town. The next two years I spend struggling at Allahabad for my intermediate boards in a really big and beautiful college named KP inter college which had a big play ground also. It was challenging for me

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78th Day :: Solution to clashes between Hinduism and Islam

हम जानते हैं कि हिंदू और मुस्लिम धर्म के नियम और मान्यताएं लगभग विपरीत है । लेकिन सिर्फ इसी वजह से इन धर्मों के बीच दीवार खड़ी करना उचित नहीं है । भारत में ही ढेरों विभिन्न संप्रदाय, जातियां और उपजातियां हैं जिनके नियम और मान्यताएं अलग अलग हैं। उदाहरण के लिए पंजाबी, बंगाली, गुजराती, मराठी आदि मुख्य हैं जिनकी नियम और मान्यताएं एक दूसरे से मेल नहीं खाती। इसलिए सिर्फ इन्हीं विभिन्नताओं के आधार पर इनके मानने वालों के बीच दीवार खड़ी करना ठीक नहीं है। और फिर भारत तो एक ऐसा देश है जहां हर 4 मील पर भाषा और वातावरण बदल जाता है तो आज इन विभिन्नताओं के आधार पर देश के कितने टुकड़े करेंगे ?  जरा सोचिए! ........ जय हिंद  ..…..

77th post :: Ram Mandir/Babri masjid in Ayodhya matter

1. यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है जिस पर कुछ भी बोलने से पहले काफी सोच विचार करना जरूरी है। फिर भी मेरे ख्याल से इसकी शुरुआत मुगल काल से करना सही होगा। मुगल काल में कुछ‌ क्रूर मुगल शासकों ने कई मंदिरों को तोड़ दिया वहीं कुछ उदार मुगल शासकों ने हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने अधीन राज्य में स्थित मंदिरों को पूरी तरह ना तोड़ कर आधे हिस्से में मंदिर भी बनवाया। इसलिए इस समस्या का पहला हल यही है कि अयोध्या में हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में आधा मंदिर और आधा मस्जिद बनवाया जाए। 2. इस समस्या का दूसरा हाल यह है कि अयोध्या में राम मंदिर बना दिया जाए क्योंकि सभी जानते हैं कि रामचंद्र जी का जन्म अयोध्या में हुआ था और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है कि बाबरी मस्जिद में कितने मुसलमान नमाज पढ़ने जाते हैं। इसलिए जायज यही होगा कि मुसलमान उदारता दिखाएं और अपने हिंदू भाइयों को मंदिर बनाने के लिए स्वयं आमंत्रित करें। इससे हिंदू समाज में मुसलमानों की इज्जत भी बढ़ेगी। ३. तीसरा विकल्प है कि सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास किया जाए और उसके फैसले का सम्मान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट जब भी, जो भी

76th Day :: Bhoot Pret ka chakkar : Kitna Sach Kitna Ghanchakkar

भूत प्रेत के बारे में हम सभी ने सुना है। कुछ लोग मानते हैं तो कुछ नहीं मानते लेकिन आप सबने observe जरूर किया होगा कि गांव देहातों में भूत -प्रेत लोगों को अपने वश में कर लेते हैं और शहरों में लोग मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं ।वास्तव में यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जहां एक तरफ general awareness के चलते शहरों में मानसिक बीमारियों का पहचान  करके इसका इलाज किया जाता है वही गांव में है उसे भूत में समझ कर उसका झाड़-फूंक किया जाता है। भूत- प्रेत का लेनदेन वास्तव में नशीली दवाओं का लेन-देन होता है जिसे victim दबाव डालने पर स्वीकार करता है( जहां  दबाव डालने के लिए ओझा तांत्रिक मिर्च वगैरह का धुआं या कोई अन्य डर आदि दिखाते हैं)। अक्सर लोग कहते हैं कि फलां आदमी ने उन्हें भूत दे दिया है तो इसका वास्तविक आशय होता है कि भला आदमी ने उसे नशीली दवा दे दिया है जिससे वह किसी मानसिक बीमारी के चपेट में आ गया है।  ओझा तांत्रिकों के पास इस बीमारी का संभावित anti-dote होता है जिससे  वह बीमार का इलाज करते हैं पर दिखाते ऐसा हैंं जैसे कि यह सब उनके पूजा- पाठ आदि के कारण हुआ है। गांव में महि

75th day:: pooja, functions & our streets

भारत में पूरे साल भर विभिन्न कार्यक्रमों (शादी-विवाह आदि) का आयोजन होता रहता है।   अभी कुछ ही समय में नवरात्र हैं जिसमें दुर्गापूजा का आयोजन होना है। जिसके लिए जगह-जगह पान्डाल लगाने की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही इन पान्डालों को लगाने के लिए सडकों पर गढ्ढे खोदने शुरू किये जा चुके हैं। आश्चर्य की बात है कि आज हम खुद सडकों पर गढ्ढा खोद रहे हैं और कल ही सरकार व नेताओं को इसके लिये गाली देंगे।    इस समस्या के समाधान के रूप में मेरा मानना है कि इन सभी कार्यक्रमों और पूजा का आयोजन marriage hall में या शहर के बाहर सडक से दूर किसी जमीन पर मनाया जाना चाहिए।

74th day :: truth of 'truth'

हम जो भी ज्ञान प्राप्त करते हैं वो अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा सुन ,देख, महसूस करके , स्पर्श करके आदि के द्वारा ही करते हैं। इसलिए हमारे लिए truth इन्हीं ज्ञानेन्द्रियों पर आधारित होती है।      किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति, आदि के बारे में हमारी 'सूचना' में हमारी कितनी ज्ञानेन्द्रियाँ , कितनी बार शामिल है वो निर्धारित करती है कि वो सूचना कितनी true है।    i.e. मेरा नाम ओम है।मैं एक लड़का हूँ लेकिन अगर कोई मुझसे कहे कि मेरे  जैसे body  या figure वाले को लड़का नहीं लड़की कहते हैं तो मैं उनका solid uppose करूंगा है और कहूँगा   की   क्या वो पागल हो गया है ?   लेकिन पूरा शहर यही बात कहे तो ? तो फिर मैं एक बार सोचूंगा कि मैं कहीं गलत तो नहीं ?  लेकिन अगर पूरा देश यही बात  बोले तो ?  साथ ही प्रधानमंत्री जी टीवी पर स्पष्टीकरण देते हैं कि अभी तक लड़की को लड़के और लड़के को  लड़की की तरह  संबोधित किया जा रहा था ।तब मेरे पास खुद को लडकी कहलवाने के सिवाय कोई ऑप्शन नहीं  बचेगा। * Truth जितने आयामों से और जितनी बार हमारे सामने आता है उतना ही सच्चा लगता है। * Truth जितने नए आयामों से सा